Wednesday, 2 January 2019

How to earn money with photography? Hindi

How to earn money with photography? Hindi

एक आरामदेह जिंदगी जीने के लिए और अपने शौक व जरूरतें पूरी कने के लिए पैसा बहुत important है आप अगर पैसा कमाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल How to earn money with photography? Hindi से हम आपको बताएँगे कि फोटोग्राफी से पैसे कैसे कमायें ?
एक अच्छा फोटोग्राफर बनने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता होती है। जैसे कैमरा, लेंसेस फिल्टर्स,ट्राइपॉड, लाइटिंग एक्विकपमेंट और भी बहुत सी सारी चीजें जो कि आपका बैंक बैलेंस बिगाड़ देती हैं। अच्छे इक्विपमेंट्स पर होने वाला खर्च बहुत ज्यादा होता है तो हमारे मन में सवाल आता है कि इस फील्ड में कैसे सर्वाइव किया जा सकता है? इसका सीधा सा जवाब है पैसे कमाकर! कुछ फोटोग्राफर्स जैसे वेडिंग या फैशन फोटोग्राफर वगैरह। इन फोटोग्राफर्स के लिए फोटोग्राफी आमदनी का जरिया है इसलिए ये प्रोफ़ेशनल फोटोग्राफर्स कहलाते हैं. और अपनी फोटोग्राफी से होने वाली आमदनी से ये अपने स्टूडियो और इक्विपमेंट्स का खर्च उठा सकते हैं। लेकिन अगर आप एक शौकिया फोटोग्राफर हैं तो हमारी राय में आपको भी अपने  खर्च और  इक्विपमेंट्स का खर्च अपनी फोटोग्राफी से ही उठाना चहिये। जानते हैं कैसे हम फोटोग्राफी से कैसे पैसे कमा सकते हैं.

Stock Photography | स्टॉक फोटोग्राफी

स्टॉक फोटोग्राफी आमदनी का एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा आप घर बैठे-बैठे अच्छी खासी इनकम कर सकते हैं। स्टॉक फोटोग्राफी एक तरह का ऑनलाइन फ़ोटो स्टोर होता है। जहां आप अपनी फोटोज़ अपलोड करते हैं अगर आपकी फ़ोटो किसी ग्राहक को पसंद आती है तो वह वहां पर पेमेंट करके आपकी फ़ोटो खरीद लेता है। और स्टॉक एजेंसी या स्टोर अपना कमीशन काट के आपको पेमेंट कर देता है।
आज के फोटोग्राफर्स में स्टॉक फोटोग्राफी काफी लोकप्रिय है। क्योंकि यह आपको आपकी सुविधा के अनुसार काम करने की छूट देता है, और इसमें आप अनलिमिटेड पैसा कमा सकते हैं। जी हां अनलिमिटेड पैसा ! कई फोटोग्राफर स्टॉक फोटोग्राफी को बहुत सीरियसली लेते हैं, क्योंकि उनकी आमदनी का अच्छा खासा हिस्सा इसी से आता है.
How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi
Shutterstock.comistock.comfotolia.com जैसी कई स्टॉक वेबसाइट्स हैं जहां पर आप अपनी फोटोज अपलोड करके पैसा कमा सकते हैं। इन साइट्स पर सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसके बाद आपको हाई रेसोल्यूशन वाली फोटोज़ अपलोड करनी होंगी। जिनके अप्रूव होने के बाद आप अपनी फोटोज से अच्छी आमदनी का सकते हैं। इन वेब साइट्स की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल shutterstock.comपर हर रोज करीब 1,50,000 फोटोज अपलोड की जाती हैं. इन वेबसाइट्स के अलावा कुछ इंडियन साइट्स भी हैं जो आपकी फ़ोटो के अच्छे पैसे आपको दे सकती हैं जैसे Imagesbazar.com
इन साइट्स पर अपनी फोटोज़ बेचने के लिए आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे -फ़ोटो की क्वालिटी अच्छी हो, फ़ोटो हाई रेसोल्यूशन में हो, अगर आपकी फ़ोटो में कोई व्यक्ति है तो आपके पास मॉडल रिलीज हो। ज्यादा से ज्यादा हाई रेसोलुशन की फोटोज आपको अलग-अलग एंगल से पोस्ट करना चाहिए।

Youtube|यूट्यूब

How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi
आप चाहे बिगिनर हों या प्रोफेशनल आप एक यूट्यूब चैनल पर अपनी फोटोग्राफी के जरिये अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं। अगर आप फोटोग्राफी में अच्छे हैं तो आप लोगों को फोटोग्राफी के टिप्स दे सकते हैं या फिर आप फ़ोटो या वीडियो एडिटिंग में माहिर हैं तो भी आप लोगों को एडिटिंग सिखाकर यूट्यूब से पैसे कमा सकते हैं। कैमरा,लेंस अन्य इक्विपमेंट के रिव्यु देकर आज कई सारे लोग यूट्यूब से इनकम कर रहे हैं।
यूट्यूब से पैसे कमाने के लिए आपको सबसे पहले एक चैनल बनाना होगा उसके बाद अपने चैनल पर एडसेंस अप्रूव करवा कर आप पैसे कमा सकते हैं। शुरुवात में यह थोड़ा मुश्किल लगता है ।लेकिन अगर आपके कंटेंट में दम है और आपके सिखाने का तरीका दूसरों से हटकर और अच्छा है तो यह काम बहुत आसान हो जाता है। जैसे जैसे आपके फॉलोवर्स बढ़ते हैं वैसे-वैसे आपकी आमदनी बढ़ती जाती है।

Photography workshops|फोटोग्राफी वर्कशॉप्स

How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi
फोटोग्राफी में लोगों का इंटरेस्ट हमेशा से रहा है, आज भी हज़ारों लोग फोटोग्राफी सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं। आप अपने एरिया से फोटोग्राफी वर्कशॉप्स की शुरुआत करके धीरे-धीरे एक फोटोग्राफी टीचर बन सकते हैं। जैसे ही आपको लोग जानने लगते हैं आपके पास वर्कशॉप्स की डिमांड आने लगती है और आप जगह-जगह जा कर यह काम करके पैसे कमा सकते हैं। इंडिया ही नहीं दुनियाभर के मशहूर फोटोग्राफर्स की आमदनी का एक हिस्सा फोटोग्राफी वर्कशॉप्स से भी आता है। इसकी शुरुआत आप लोकल फोटोग्राफी क्लब जॉइन करके कर सकते हैं। शुरू में आप फ्री वर्कशॉप दे सकते हैं फिर जैसे-जैसे आपकी पहचान बढ़ती है आप इसके लिए चार्ज कर सकते हैं।

Freelancinng|फ्रीलांसिंग

How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi
फ्रीलांसिंग फोटोग्राफी से घर बैठे-बैठे पैसे कमाने का शानदार और सम्मानजनक तरीका है। फ्रीलांसिंग के जरिये आप किसी फोटोग्राफी प्रोजेक्ट पर काम करके पैसे कमाते हैं। यह काम आप अपनी वेबसाइट बनाकर कर सकते हैं। अगर आप यह सोचते हैं कि आपके पास वेबसाइट नहीं है तो आपको काम कैसे मिलेगा तो आप गलत हैं।
freelancer.com और अन्य भी कई वेबसाइट्स हैं जहां पर आपको हज़ारों फोटोग्राफी प्रोजेक्ट मिल सकते हैं, जिनको समय पर और सही तरह से पूरा करने के लिए आप पैसे कमाते हैं। freelancer.comभी एक अच्छी साइट है। यहां आपको रजिस्ट्रेशन करके अपने बारे में और अपनी स्किल्स के बारे में बताना होता है। अगर एम्प्लायर को आपकी स्किल्स पसंद आती हैं तो वह आपको प्रोजेक्ट के लिए अप्रोच करता है।इसके अलावा हज़ारों प्रोजेक्ट यहां पर रोज लिस्ट होते हैं आप इनमें अप्लाई कर सकते हैं या एम्प्लायर से अप्रोच करके प्रोजेक्ट ले सकते हैं और रोज पैसे कमा सकते हैं।

Photo shoot| फ़ोटो शूट

एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने और पैसे कमाने की शुरुआत आप फोटो शूट करके कर सकते हैं। शुरू में आप अपने दोस्तों, परिचितों के फोटो शूट कर सकते हैं। धीरे-धीरे आप अपने काम में माहिर हो कर लोकल स्तर पर भी फोटो शूट कर सकते हैं और नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर भी कर सकते हैं।
  • बेबी फ़ोटो शूट
  • बर्थडे फोटो शूट
  • मॉडलिंग फोटो शूट
  • प्रोडक्ट फोटोग्राफी
  • रियल स्टेट फोटोग्राफी
कुछ ऐसे फील्ड हैं जहाँ पर आप लोकल स्तर पर भी काम शुरू कर पैसे कमा सकते हैं।

Photo contest|फ़ोटो कांटेस्ट

पूरी दुनिया में कई सारे फ़ोटो कांटेस्ट होते रहते हैं।इन फोटो कांटेस्ट में प्रतिभाग करके भी आप अच्छी आमदनी कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी फोटोज अच्छी नहीं है और आपको लगता है कि आपको फ़ोटो कांटेस्ट जॉइन नहीं करना चाहिए तो आप गलत हैं क्योंकि इन कांटेस्ट में प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स के साथ-साथ अन्य स्किल लेवल के फोटोग्राफर्स भी प्रतिभाग करते हैं। हो सकता है कि आप का फ़ोटो खास हो या आपका फ़ोटो लेने का एंगल औरों से अच्छा हो। अगर आप कैश प्राइस नहीं भी जीतते हैं तो हो सकता है कि आप कोई इक्विपमेंट ही जीत जाएं । या फिर आपको कांटेस्ट के जरिये अच्छा एक्सपोज़र भी मिल सकता है।

Wedding photography|वेडिंग फोटोग्राफी

How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi

अगर आप फोटोग्राफी के जरिये अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो इसके लिए वेडिंग फोटोग्राफी एक बहुत अच्छा तरीका है। अपने गांव या शहर से शुरू कर आप इसमें बढ़िया आमदनी कर सकते हैं। शुरुआत में आप अपने दोस्तों या परिचितों के माध्यम से यह काम कर सकते हैं अगर आप अच्छी क्वालिटी का काम उपलब्ध कराते हैं तो आप बड़े स्तर पर काम कर सकते हैं । वेडिंग फोटोग्राफी शुरू करने के लिए आपको इक्विपमेंट्स पर थोड़ा इन्वेस्ट करना पड़ता है। लेकिन अगर आप पार्ट टाइम में यह काम करना चाहते हैं तो रेंट पर इक्विपमेंट्स ले कर इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

Photo tour|फ़ोटो टूर

आपने देखा होगा कि टूरिस्ट प्लेस पर जब लोग घूमने जाते हैं वहाँ कुछ टूर गाइड होते हैं जो लोगों को उस स्थान की जानकारी देते हैं और इसके बदले में फीस लेते हैं। अगर आप भी किसी जगह के बारे में अच्छी जानकारी दे सकते हैं और लोगों को गाइड कर सकते हैं कि किस जगह पर कैसी फ़ोटो किस तरीके से लेनी है तो आप फ़ोटो टूर से अच्छी इनकम कर सकते हैं। एक फोटोग्राफर होने के नाते आपको ऐसे फ़ोटो टूर न केवल अच्छी फोटोज और पैसे मिलते हैं बल्कि दूसरे फोटोग्राफर्स के साथ ऐसा अनुभव भी मिल सकता है जो पैसों से खरीद नहीं जा सकता। यह काम करने के लिए आप अपने आस पास की जगहों से शुरुआत कर सकते हैं। आज बहुत से फेमस फोटोग्राफर्स की इनकम ऐसे ही फ़ोटो टूर्स से भी आती है।

Assistant photographer|असिस्टेंट फोटोग्राफर

How to earn money with photography? Hindi
How to earn money with photography? Hindi

अगर आप प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनकर पैसे कमाना चाहते हैं तो आप किसी अच्छे फोटोग्राफर के असिस्टेंट बनकर इस काम की शुरुआत कर सकते हैं। आपने देखा होगा कि आपके आस-पास बिजनेस कर रहे फोटोग्राफर्स के पास हमेशा असिस्टेंट फोटोग्राफर्स रहते हैं। क्योंकि बड़े फ़ोटो प्रॉजेक्ट्स करने के लिए एक टीम की जरूरत होती है। आप किसी अच्छे फोटोग्राफर्स के पास इस काम के लिए अप्रोच कर सकते हैं। इससे न केवल आप पैसा कमाएंगे बल्कि स्थापित फोटोग्राफर्स के अनुभवों से अपनी फोटोग्राफी को और बेहतर कर पाएंगे।
अगर आपको यह कमेंट पसंद आया तो प्लीज इसे शेयर करें । अपने सवाल या कमेंट नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के द्वारा हम तक भेज सकते हैं।

Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes

Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes



एक अच्छा फोटोग्राफर बनने और अच्छी तस्वीरें लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी जरूरत है अपने कैमरा का अच्छा नॉलेज होना और कैमरा पर अच्छा कंट्रोल होना। आप चाहे एक बिगिनर हों या प्रॉफेशनल फोटोग्राफर, बिना अपने कैमरा को जाने-समझे अच्छी तस्वीरें लेना बहुत मुश्किल है। Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes के माध्यम से हम आपको आपके कैमरे में मौजूद मोड्स के बारे में बताएंगे, जिनको समझ कर आप निश्चित रूप से बेहतर फोटोग्राफी कर पाएंगे।
कैमरा के आविष्कार के कुछ वर्षों बाद तक शूटिंग मोड्स जैसा कुछ कैमरे में नहीं हुआ करता था बल्कि सब कुछ मैनुअल हुआ करता था। फोटोग्राफर मैनुअली अपर्चर, शटर-स्पीड सेट करते थे और लाइट के अनुसार फ़िल्म चुनते थे। सही एक्सपोज़र और लाइट की मात्रा मापने के लिए फोटोग्राफर्स लाइट मीटरिंग डिवाइस का इस्तेमाल करते थे। इन लाइट मीटरिंग डिवाइस के जरिये ही लाइट की मात्रा और अनुपात पता लग पाता था।
SLR कैमरे के आविष्कार के बाद इन लाइट मीटरिंग डिवाइसेस की जरूरत खत्म हो गयी क्योंकि SLR कैमरा खुद लेंस से सेंसर में पहुंचने वाली लाइट को खुद मापता था। आधुनिक आटोमेटिक कैमरे में ऑटोमैटिक या ऑटो मोड आने से यह काम काफी सुविधाजनक हो गया, क्योंकि कैमरा दृश्य के हिसाब से लाइट को नियंत्रित करने लगा जिससे कि एक सही एक्सपोज़र वाली तस्वीर मिल सके।
आज के सभी डिजिटल कैमरा में अलग-अलग दृश्यों के हिसाब से अलग-अलग कैमरा मोड्स होते हैं। जबकि पॉइंट एंड शूट कैमरा ज्यादातर आटोमेटिक मोड्स में ही काम करते हैं।

कैमरा मोड्स

Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes
Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes

आजकल के ज्यादातर कैमरा में ऑटोमेटिक मोड के अलावा चार तरह के कैमरा मोड्स होते हैं। आप चाहे Nikon, Canon या Sony या किसी भी कंपनी का कैमरा यूज़ करते हों। सभी में यह मोड्स उपलब्ध होते हैं।
  1. Program (P) प्रोग्राम मोड
  2. Shutter Priority (Tv)or (S) शटर प्रायोरिटी मोड
  3. Aperture Priority (Av) or अपर्चर प्रायोरिटी मोड
  4. Manual (M) मैनुअल मोड

प्रोग्राम मोड

प्रोग्राम मोड में कैमरा लेंस से आने वाली लाइट के हिसाब से अपर्चर और शटर स्पीड अपने आप यानि ऑटोमैटिकली निर्धारित करता है। इस मोड में कैमरा एक पॉइंट एंड शूट कैमरे की तरह काम करता है। अगर आप जल्दी से किसी दृश्य को कैमरा में कैद करना चाहते हैं तो ये मोड आपके लिए सही रहेगा। जब आप इस मोड में कैमरा सेट करते हैं तो कैमरा लाइट के हिसाब से अपर्चर और शटर स्पीड में तालमेल बिठाकर आपको एक सही एक्सपोज़र उपलब्ध कराता है। इस मोड का प्रयोग करते हुए आप कम लाइट वाली जगह पर फोकस करेंगे तो कैमरा अपने आप छोटे अपर्चर नंबर यानी f stop पर अपर्चर को सेट करता है और शटर स्पीड काम कर देता है। यानि आपको ज्यादा रोशनी उपलब्ध कराता है। वहीं अगर आप ज्यादा रोहणी वाली जगह पर फोकस करेंगे तो यह बड़े अपर्चर नंबर और ज्यादा तेज शटर स्पीड की ओर जाता है। इस प्रकार यह यह औटोमैटिकली सही एक्सपोज़र खुद तय लेता है।
यह मोड काम तो औटोमैटिकली करता है लेकिन इस मोड की खासियत है कि अगर आप कैमरा द्वारा सेट किये गए एक्सपोज़र से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप कंट्रोल डायल को घुमा कर अपने दृश्य के मुताबिक अपर्चर और एक्सपोज़र तय कर सकते हैं।

शटर प्रायोरिटी मोड

इस मोड में आपको शटर स्पीड तय करनी होती है और अपर्चर कैमरा खुद सेट कर लेता है। इस मोड का इस्तेमाल अक्सर मोशन यानि गति को फ्रीज करने या जानबूझकर धीमा मोशन दिखाने के लिए किया जाता है। आप शटर स्पीड तय करते हैं और दृश्य में पड़ रही रोशनी के हिसाब से कैमरा अपर्चर को छोटा या बड़ा कर लेता है।
क्योंकि इस मोड में कैमरा अपने आप अपर्चर तय करता है इसलिए आप सब्जेक्ट की डेप्थ ऑफ फील्ड कंट्रोल नहीं कर सकते। लेकिन अगर आप एक बिगिनर हैं और आपको मोशन कर रही किसी वस्तु का फोटो लेना है तो आप इस मोड का उपयोग कर सकते हैं।

अपर्चर प्रायोरिटी मोड

इस मोड में आप अपर्चर तय करते हैं और सही एक्सपोज़र के लिए कैमरा शटर स्पीड अपने आप तय कर लेता है। इस मोड में आप सब्जेक्ट को अच्छे से आइसोलेट कर सकते हैं और डेप्थ ऑफ फील्ड भी तय कर सकते हैं। अगर आपके सब्जेक्ट में रोशनी ज्यादा है तो कैमरा फ़ाज़त शटर स्पीड तय कर लेता है और अगर रोशनी कम है तो यह शटर स्पीड काम कर लेता है। बहुत से प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स भी इस मोड का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि इस मोड़ में आप सही एक्सपोज़र और डेप्थ ऑफ फील्ड पर कंट्रोल कर सकते हैं।

मैनुअल मोड

अपने नाम के मुताबिक मैनुअल मोड आपको पूरी आजादी देता है कि आप अपने अनुसार एक्सपोज़र ट्रायंगल के तीनों पिलर्स को तय कर सकते हैं। आप अपने अनुसार अपर्चर, शटर स्पीड और आईएसओ तय कर सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि मैनुअल मोड में फोटोग्राफी कठिन है। लेकिन जब आप एक्सपोज़र ट्रायंगल को समझ कर इस मोड का प्रयोग करते हैं। यानि अपर्चर, शटर स्पीड और आईएसओ का सही उपयोग करते हैं तो यह आपको आपके अनुसार एक्सपोज़र देता है। यह मोड आपको नाईट फोटोग्राफी में ज्यादा लंबे एक्सपोज़र तय करने की सुविधा भी देता है। पैनोरमा और ऑफ कैमरा फ़्लैश यूज़ करने की स्थिति में आपके लिए यह मोड सुविधाजनक और सबसे अच्छा है।

कैमरा मोड कैसे सेट करें ?

Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes
Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes

अपनी पसंद का मोड सेलेक्ट करने के लिए आपके कैमरे के ऊपर मोड डायल है। इसे घुमाकर आप अपनी पसंद का मोड सेलेक्ट कर सकते हैं। Nikon कैमरे में ये मोड्स P , S, A और M के रूप में होते हैं जबकि Canon कैमरे में ये क्रमशः P, Tv, Av और M के रूप में होते हैं।

कैमरा मोड और आईएसओ

इन सभी कैमरा मोड्स में कैमरा खुद आईएसओ तय नहीं करता है, आप इन सभी मोड्स में यह काम खुद कर सकते हैं. लेकिन अगर आपने अपने कैमरा में ऑटो आईएसओ ऑन किया है तो यह काम भी कैमरा खुद कर लेता है.

अन्य कैमरा मोड्स

इन मोड्स के अलावा भी कुछ entry level  और इंटरमीडिएट cameras में कुछ अतिरिक्त मोड होते हैं. जैसे लैंडस्केप मोड, पोर्ट्रेट मोड, चाइल्ड मोड तथा अन्य भी क्रिएटिव मोड्स भी होते हैं जिनका इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं. ये मोड्स पूरी तरह से आटोमेटिक होते हैं. professional cameras में यह मोड्स आमतौर पर नहीं होते हैं.
अगर आपको यह आर्टिकल Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes पसंद आया या आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो नीचे  दिए गए कमेंट बॉक्स पर अपने कमेंट्स लिख सकते हैं.

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO

पिछले दो आर्टिकल्स में हमने जाना कि एक्सपोज़र ट्रायंगल के  तीन जरुरी पिलर्स में से दो, अपर्चर और शटर स्पीड के बारे में. हमारे तीसरे Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO आर्टिकल की मदद से हम जानेंगे कि ISO क्या होता है? क्या काम करता है? और इसका हमारी photos पे क्या इफ़ेक्ट पड़ता है.

ISO

ISO का इतिहास केवल मॉडर्न cameras तक ही सीमित नहीं है. अगर आप film कैमरा से परिचित हैं तो आपने इन कैमरा की film पर एक ख़ास नंबर देखा होगा जैसे कि नीचे दिए गए photo में एक नंबर है 400. इसका मतलब यह है कि यह नंबर इस film की लाइट के लिए sensitivity(संवेदनशीलता) है.
ISO का मतलब है लाइट के प्रति सेंसिटिविटी या संवेदनशीलता . Film cameras के टाइम में ISO आपकी film रोल पर तय रहता था और आपको इसी के अनुसार अपना एक्सपोज़र तय करना होता था. लेकिन आज   यह कैमरा के इमेज सेंसर में होता है जिसे आप आसानी से अपनी ज़रूरत के हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं. और इसी वजह से photography ज्यादा आसान और सुविधाजनक हो गयी है. ISO  को नंबर्स में लिखा जाता है जैसे..
  • 100 (लो ISO)
  • 200
  • 400
  • 800
  • 1600
  • 3200
  • 6400 (हाई ISO)

ISO करता क्या है?

100 ISO को बेस ISO कहा जाता है क्योंकि इस नंबर पर कैमरा सेंसर की लाइट के प्रति संवेदनशीलता काफी कम होती है. हालांकि आजकल के कुछ कैमरा में बेस या सबसे कम ISO 50 तक भी होता है. अब जैसे ही आप ISO को बेस level से बढ़ाते हैं या दुगना करते हैं  तो कैमरा की लाइट के प्रति संवेदनशीलता दो गुनी बढ़ जाती है जिससे आपकी इमेज दोगुनी ज्यादा ब्राइट हो जाती है. इसका मतलब है की अगर आप ISO 400 पर शूट करते हैं तो आपकी इमेज ISO 200 वाली इमेज से दोगुनी ज्यादा ब्राइट होगी.
हाई ISO 6400 या उससे ऊपर के नंबर्स तक माना जा सकता है  बहुत ज्यादा लो लाइट कंडीशन में हमको सही एक्सपोज़र लेने के लिए हमें कैमरा के ISO को बढ़ाना होता है जिससे ज्यादा लाइट कैमरा को मिल सके.

ISO का इमेज में प्रभाव

ISO की मदद से हम बहुत अँधेरे या कम लाइट वाली कंडीशन में भी सही एक्सपोज़र ले सकते हैं लेकिन जैसे-जैसे हम ISO 100 से ऊपर जाते हैं वैसे-वैसे हमारी इमेज की क्वालिटी घटने लगती है. और उनमें नॉइज़ या ग्रेन आने लगते हैं. जितना ज्यादा ISO आप बढ़ाते हैं उतना ज्यादा नॉइज़ हमारी इमेज में visible होने लगता है. जो देखने में बिलकुल अच्छा नहीं लगता. हालांकि तेजी से प्रगति कर रही टेक्नोलॉजी की वजह से कुछ कैमरा हाई ISO में भी अच्छी इमेज दे रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं ये इमेज क्वालिटी को प्रभावित जरुर करता है.

सही ISO क्या है?

ISO 100 पर आपका कैमरा सबसे ज्यादा अच्छी क्वालिटी की photo देता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हमें ISO 100 से आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. सही ISO आपके सब्जेक्ट की लाइट कंडीशन पर निर्भर करता है. अगर आप सूरज की तेज रौशनी जैसी कंडीशन में काम कर रहे हैं तो ISO 100 आपके लिए बिलकुल सही है. लेकिन अगर आप किसी कमरे के अन्दर या रात के समय शूट कर रहे हैं तो आपको ज़रूरत के हिसाब से ISO बढ़ाना चाहिए जिससे आपको सही एक्सपोज़र मिल सके और आपकी इमेज डार्क या अंडर एक्सपोज्ड न आयें.
इसके साथ ही अगर आप तेज मूवमेंट वाले सब्जेक्ट की photo लेते हैं तो आपको एक तेज शटर स्पीड की ज़रूरत होती है. जिसकी वजह से कैमरा सेंसर तक लाइट कम पहुँचती है इस कंडीशन में भी हमें ISO बढ़ाना पड़ता है. अगर आप एक नए फोटोग्राफर हैं तो ISO बढ़ने से बिलकुल न डरें और ज़रूरत के हिसाब से ISO निर्धारित करते रहें.
अगर आप किसी स्थिर सब्जेक्ट का photo ले रहे हैं तो आप यह काम शटर स्पीड कम कर सकते हैं. क्योंकि स्थिर सब्जेक्ट में मोशन ब्लर नहीं आएगा और आपको सही एक्सपोज़र मिल जायेगा. हालांकि स्लो शटर स्पीड का use करते हुए एक tripod का इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

ISO कैसे सेट करें

अगर आपका कैमरा ऑटो मोड पर है तो सब्जेक्ट की लाइट कंडीशन के हिसाब से कैमरा खुद से अपर्चर, शटर स्पीड और ISO तय कर लेता है लेकिन अगर आप इसे खुद तय करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कैमरा को ऑटो मोड से हटा कर मैन्युअल मोड, अपर्चर प्रायोरिटी मोड या शटर प्रायोरिटी मोड का चुनाव करना होगा.
अगर आपके कैमरा में ISO के लिए बटन होता है आप इस बटन को दबाकर और कमांड डायल को घुमाकर ISO सेट कर सकते हैं. अगर आपके कैमरा में यह बटन नहीं है तो आप मेन्यु के अन्दर जाकर इसे सेट कर सकते हैं.
कुछ cameras में ISO के लिए एक विशेष डेडिकेटेड व्हील या डायल होता है, अगर आप ऐसे किसी कैमरा का use कर रहे हैं तो आप इस व्हील को घुमाकर ISO सेट कर सकते हैं.

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners : Shutter Speed

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners : Shutter Speed



पिछले tutorial में हमने जाना कि एक्सपोज़र ट्रायंगल क्या है और अपर्चर क्या होता है, क्या काम करता है और इसका आपकी photos में क्या इम्पैक्ट पड़ता है. इस tutorial Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners : Shutter Speed की मदद से हम आपको बताने जा रहे हैं की एक्सपोज़र ट्रायंगल के दूसरे important एलिमेंट shutter speed  के बारे में. इसके लिए हमें सबसे पहले जानना होगा की शटर होता क्या है ?

Shutter

शटर आपके कैमरा के सेंसर के ऊपर लगा एक तरह का पर्दा होता है. जो तब तक बंद रहता है जब तक कि आप photo लेने के लिए कैमरा का बटन प्रेस नहीं करते. जैसे ही आप photo लेने के लिए बटन प्रेस करते हैं यह खुलता है, आपके सब्जेक्ट से लाइट रिफ्लेक्ट होकर आपके कैमरा के सेंसर तक पहुँचती है और शटर बंद हो जाता है. इसका मतलब आपने एक एक्सपोज़र या photo अपने कैमरा में ले लिया है. कैमरा शटर दो तरह के होते हैं 1 मैकेनिकल शटर  2 इलेक्ट्रॉनिक शटर. आजकल के ज्यादातर cameras में मैकेनिकल शटर होता है. कुछ ही कैमरा जैसे mirror less cameras में इलेक्ट्रॉनिक शटर होता है.

Shutter speed

शटर स्पीड, टाइम का वह हिस्सा है जितना आप किसी photo को लेने के लिए चुनते हैं या जितने समय तक कैमरा के सेंसर में लाइट इंटर करती है. ज्यादातर शटर speed को सेकेण्ड के हिस्सों में मापा जाता है. जिसे एक्सपोज़र टाइम भी कहा जाता है. जैसे 1/120, 1/250,1/500 1/4000,1/8000. अगर आप अपने कैमरा में 1/8000 शटर speed चुनते हैं तो इसका मतलब है कि 1 सेकेण्ड के 8000वें हिस्से के बराबर टाइम  कैमरा को photo लेने के लिए मिलता है. इतनी देर में आपका शटर खुलेगा सेंसर को लाइट मिलेगी और शटर बंद हो जायेगा.
और अगर आप 30 sec की शटर स्पीड चुनते हैं तो इसका मतलब है की 30 सेकेंड तक photo लेने के लिए कैमरा का शटर 30 सेकेण्ड तक खुला रहेगा. इस तरह हम ज़रूरत के हिसाब से कैमरा की शटर स्पीड या एक्सपोज़र  को एक सही photo लेने के लिए उपयोग करते हैं.
ज्यादातर  DSLR और mirror lessकैमरे एक दूसरे के 1/4000 वें तक शटर गति को संभाल सकते हैं, जबकि कुछ दूसरे और तेज़ के 1/8000 वें की तेज स्पीड को संभाल सकते हैं। दूसरी ओर, अधिकांश डीएसएलआर या mirror less कैमरों पर सबसे लंबी उपलब्ध शटर स्पीड आमतौर पर 30 सेकंड होती है। यदि आवश्यक हो तो बाहरी रिमोट ट्रिगर्स का उपयोग करके आप लंबी शटर गति का उपयोग कर सकते हैं।

Effect

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
शटर स्पीड का हमारी photos पर बहुत ज्यादा इफ़ेक्ट पड़ता है.  अगर हम फ़ास्ट शटर स्पीड चुनते हैं, तो आप तेजी से चलती वस्तुओं, जैसे उड़ान में पक्षियों या कारों का  मोशन को खत्म कर सकते हैं. यदि आप पानी की photos लेने के दौरान तेज शटर स्पीड का उपयोग करते हैं, तो प्रत्येक बूंद हवा में पूरी तरह फ्रीज हो जाएगी.
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
वहीँ अगर हम स्लो शटर speed को चुनते हैं तो photos में मोशन ब्लर आता है. खासकर जब हम मूविंग सब्जेक्ट जैसे की कार, बहता हुआ झरना या किसी चलते हुए व्यक्ति की photo लेते हैं तो photo में मोशन ब्लर आता है. स्लो शटर स्पीड में कैमरा का शटर ज्यादा समय के लिए खुला रहता है, जिससे ज्यादा लाइट कैमरा के सेंसर को मिलती है. स्लो शटर स्पीड का use लैंडस्केप photography और नाईट photography में किया जा सकता है.
स्लो शटरस्पीड को लॉन्ग एक्सपोज़र भी कहा जाता है. आमतौर पर लॉन्ग एक्सपोज़र 1 सेकेण्ड से ज्यादा की शटर स्पीड है.  इस शटर स्पीड में आप एक tripod इस्तेमाल करके शार्प photo ले सकते हैं. एक शानदार मिल्की वे या फिर स्टार ट्रेल फोटो के लिए लॉन्ग एक्सपोज़र  का चुनाव करना हमेशा बेहतर होता है.

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed

photography में 1/100 से 1 सेकेण्ड तक की शटर स्पीड को भी रिलेटिवली स्लो माना जाता है. खासकर 1 सेकेण्ड की शटर स्पीड में आप बिना tripod के शार्प photo नहीं ले सकते हैं. वैसे  आजकल कुछ लेंस बढ़िया वाइब्रेशन रिडक्शन (VR) के साथ आते हैं. जो आपको ऐसी शटर स्पीड में भी काफी अच्छे रिजल्ट देते हैं.
शटर स्पीड का फोटो की शार्पनेस पर भी बहुत इफ़ेक्ट पड़ता है.  अगर आप फ़ास्ट शटर स्पीड में फोटो लेते हैं तो ये शार्प होती हैं जबकि स्लो शटर स्पीड में ये मोशन ब्लर आने से ये थोड़ा ब्लरी हो जाती हैं.

Shutter speed and Exposure

जैसा कि हम जानते हैं शटर स्पीड एक्सपोज़र ट्रायंगल के एक important एलिमेंट है. अगर हम फ़ास्ट शटर स्पीड चुनते हैं तो सेकेण्ड के कुछ हिस्से का ही एक्सपोज़र सेंसर तक पहुँचता है.  जिसका रिजल्ट होता है डार्क फोटो. वहीँ अगर हम स्लो शटर स्पीड का इस्तेमाल करते हैं, तो ज्यादा समय तक सेंसर को एक्सपोज़र मिलता है. और फोटो ब्राईट हो जाती हैं. तो एक प्रॉपर एक्सपोज़र की फोटो के लिए हम शटर स्पीड का उपयोग करते हैं.
नीचे दी गयी photos को और उनकी सेटिंग्स को जरा ध्यान से देखेंगे.
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
f-5, shutter speed 1/400 sec ISO 100
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
f-5, shutter speed 1/200 sec ISO 100
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
f-5, shutter speed 1/125 sec ISO 100
Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: Shutter Speed
f-5, shutter speed 1/60 sec ISO 100
इन photos और इनकी कैमरा सेटिंग्स  को ध्यान से देखने पर हमें पता चलता है कि फ़ास्ट शटर स्पीड में photo में लाइट कम हो रही है और जैसे-जैसे हम शटर स्पीड को स्लो कर रहे हैं लाइट ज्यादा आ रही है. इस तरह शटर स्पीड एक्सपोज़र के लिए जिम्मेदार होती है.
हालांकि सिर्फ शटर स्पीड ही एक प्रॉपर एक्सपोज़र के लिए  जिम्मेदार नहीं है एक्सपोज़र ट्रायंगल के दो अन्य एलिमेंट अपर्चर और आईएसओ के साथ बैलेंस करके आप एक प्रॉपर एक्सपोज़र ले सकते हैं.

Shutter Speed कैसे सेट करें?

जब आप ऑटो मोड में  अपना कैमरा इस्तेमाल करते हैं, तो एक्सपोज़र के हिसाब से  कैमरा शटर स्पीड,अपर्चर और आइएसओ  खुद तय कर लेता है. लेकिन अगर अपने हिसाब से यह करना चाहते हैं, तो आप कैमरा के Manual mode में जाकर इसे शटर स्पीड डायल को घुमा कर एडजस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा आप शटर प्रायोरिटी मोड में जाकर अपने सब्जेक्ट के हिसाब से  शटर स्पीड सेट कर सकते हैं. इस मोड में कैमरा आपकी शटर स्पीड के हिसाब से खुद अपर्चर सेट कर लेता है.


Hindi Basic Photography Tutorials for beginners

Hindi Basic Photography Tutorials for beginners

अगर आपने अभी अभी एक DSLR लिया है और आप अभी photography में नए हैं तो हम आपको इस आर्टिकल Hindi Basic Photography Tutorials for beginners से photography के basic rules और फंडामेंटल्स को सीखने में मदद करेंगे. photography tutorials के बारे में जानते हैं की photography शब्द है क्या?फोटोग्राफी वर्ड दो वर्ड या शब्द से मिलकर बना है, photo+graphy. photo एक ग्रीक वर्ड है जिसका मतलब है लाइट और graphy का मतलब है ड्राइंग करना या चित्र बनाना.
फोटोग्राफी का हिंदी में मतलब हुआ लाइट से ड्राइंग करना या चित्र बनाना. इस पर ध्यान दें तो हमें पता चलता है कि photography का सबसे important एलिमेंट है लाइट. बिना लाइट के एक फोटो की  कल्पना भी नहीं की जा सकती है. कैमरा की मदद से  हम लाइट को सही मात्रा में कम या ज्यादा करके फोटो ले पाते हैं जिसे एक्सपोज़र कहते हैं . लाइट या एक्सपोज़र को प्रभावित करने वाले तीन एलेमेंट्स होते हैं 1-Aperture(अपर्चर) 2- Shutter speed (शटर स्पीड) 3-ISO( आईएसओ). इन तीनों एलेमेंट्स का संयोजन Exposure triangle (एक्सपोज़र ट्रायंगल) कहलाता है.
एक अच्छे photo के लिए हमें एक्सपोज़र ट्रायंगल को सही अनुपात में रखना होता है. इसी की वजह से photo को न केवल सही एक्सपोज़र मिल पता है बल्कि यह आपकी photo के appearance  को भी प्रभावित करता है. इस आर्टिकल के जरिये आज हम एक्सपोज़र ट्रायंगल के पहले एलिमेंट यानि Aperture के बारे में जानेंगे.

Aperture(अपर्चर)

सबसे पहले जानते हैं कि ये अपर्चर होता क्या है? हम अपर्चर को इन्सान की आँख में iris या पुतली से relate कर सकते हैं. अगर आप ध्यान दें तो देखेंगे कि अँधेरे से उजाले में आने पर हमारी आँख की पुतली सिकुड़ जाती है और कम लाइट या अँधेरे में जाने पर फ़ैल जाती है. यह वास्तव में किसी भी चीज को देखने में हमें जितनी लाइट की ज़रूरत होती है उसे सिकुड़कर कर या फैलकर वही मात्रा हमारी आँख को उपलब्ध कराती है या आसान शब्दों में कहें तो लाइट को  को कण्ट्रोल करती है. अपर्चर भी कैमरा में ठीक यही काम करता है तो इसे हम कैमरा की iris कह सकते हैं.
अगर आप अपने DSLR,film या mirror less कैमरा के लेंस के बीच में  देखेंगे तो आपको अपर्चर साफ़ दिखाई देता है यह कुछ ब्लेड जैसे एलिमेंट्स से मिलकर बना होता है.


Hindi basic Photography Tutorials for beginners
Hindi basic Photography Tutorials for beginners

लेंस के पिछले हिस्से में मौजूद अपर्चर पिन को आप थोड़ा सा खीचेंगे तो देखेंगे किअपर्चर खुल रहा है  और आप जब इसे छोड़ते हैं तो देखेंगे की यह बंद हो रहा है. film कैमरा के या थोड़ा पुराने लेंस में अपर्चर रिंग होती है अगर आपके पास कोई ऐसा लेंस है तो आप इस रिंग को रोटेट कर के देख सकते हैं. जितना ज्यादा आप अपर्चर को खोलेंगे उतनी ज्यादा मात्रा में लाइट आपके कैमरा के सेंसर तक पहुँचती है.

Hindi basic Photography Tutorials for beginners
Hindi basic Photography Tutorials for beginners

f-stop

अभी तक हमने जाना की जितना कम या ज्यादा हम अपर्चर को खोलते हैं उसी मात्रा में कम या ज्यादा लाइट हमारे कैमरा के सेंसर तक पहुँचती है. अपर्चर को खोलने की मात्रा को f-stop कहते हैं. इसका मतलब यह है कि अपर्चर को खलने पर लाइट की जो मात्रा कैमरा के सेंसर तक पहुँच रही है उसे 1 f-stop कहा जाता है. जैसे f 1.8 . f 2.8, f 5.6 ,f8 या f22.

Hindi Basic Photography Tutorials for beginners
Hindi Basic Photography Tutorials for beginners

यहाँ पर हमें हमेशा याद रखना है कि जितना कम नंबर का  f-stop उतनी ज्यादा लाइट और जितना ज्यादा नंबर का f-stop उतनी कम लाइट कैमरा के सेंसर तक पहुँचती है. उदाहरण के लिए अगर हम कैमरा का अपर्चर f1.4  पर रखते हैं तो हमें ज्यादा लाइट मिलेगी और f 22 पर बहुत कम लाइट मिलेगी. यह थोड़ा confusing होता है लेकिन जब आप इसे याद रखते हैं तो यह आसान हो जाता है.
ऊपर दिए गये चार्ट में यह भी ध्यान रखें कि एफ / 2.8 से एफ / 16 तक काफी ज्यादा deference  है. आंकड़े में, स्पष्ट करने के लिए कई एफ-स्टॉप छोड़े गए थे। एफ / 2.8 और एफ / 16 के बीच, चार पूर्ण स्टॉप हैं, क्योंकि नीचे एफ-स्टॉप स्केल दर्शाता है. एफ-स्टॉप स्केल f  1 (कुछ ही कैमरा में ) से शुरू हो सकता है और एफ / 32 पर समाप्त हो सकता है। हालांकि, अधिकांश वीडियो या फिल्म कैमरे इतना नैरो नहीं जाते हैं, हालांकि कुछ अभी भी कैमरे f / 64 और उससे आगे के सभी तरह से बंद हो सकते हैं।
यह भी ध्यान दें कि उपरोक्त स्केल केवल पूर्ण स्टॉप दिखाता है, एक पूर्ण स्टॉप और अगले के बीच मौजूद आंशिक स्टॉप को नहीं दिखा रहा है. पूरे स्टॉप महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे आधे या लाइट  के प्रवेश या अवरोध का प्रतिनिधित्व करते हैं. उदाहरण के लिए: f 1  f 1.4 से दो गुना ज्यादा लाइट  देता है। इसी तरह, f-1.4, f-2 से दो गुना अधिक लाइट देता  है. दूसरी ओर, f-16, f-11 के रूप में आधे से ज्यादा लाइट  देता है। और f-5.6 आधे से अधिक लाइट  को f-4 के रूप में देता है.

Depth of Field (डेप्थ ऑफ़ फील्ड)

सबसे पहले जानते हैं की डेप्थ ऑफ़ फील्ड होता क्या है? जब हम किसी सब्जेक्ट को फोकस में लेते हैं तो उस सब्जेक्ट के आगे और पीछे का वह हिस्सा जो अच्छी तरह से फोकस में है और एकदम शार्प है, उसे डेप्थ ऑफ़ फील्ड कहा जाता है. अपर्चर का डेप्थ ऑफ़ फील्ड में बहुत ही important रोल है.
DOF-aperture
ऊपर दिए गये example में जो रेड कलर  हिस्सा है वह डेप्थ ऑफ़ फील्ड है. यानि रेड हिस्से में जो भी चीजें आएँगी वो शार्प फोकस में होंगी. देखने पर हमको पता चलता है कि जितने बड़े अपर्चर (कम नंबर वाले ) पे हम photo शूट करते हैं उतनी कम डेप्थ ऑफ़ फील्ड हमें मिलती है और जितने छोटे अपर्चर (ज्यादा नंबर वाले) पर शूट करते हैं उतनी ज्यादा डेप्थ ऑफ़ फील्ड हमें मिलती है.



Hindi Basic Photography Tutorials for beginners
Hindi Basic Photography Tutorials for beginners

ऊपर इस photo को हम देखते हैं तो हमें पता चलता है की photo में हमारा पहला लेंस तो फोकस में है लेकिन दूसरा लेंस और बैकग्राउंड फोकस में नहीं है. क्योंकि इसे अपर्चर f-2 पर शूट किया गया है. यहाँ पर हमारे सब्जेक्ट जितना हिस्सा ही फोकस में है यानि डेप्थ ऑफ़ फील्ड बहुत नैरो है, और पिक्चर ब्राइट है.


Hindi Basic Photography Tutorials for beginners
Hindi Basic Photography Tutorials for beginners


अब इस दूसरी photo को हम देखें तो पता चल रहा है कि इसमें हमारे दोनों लेंस और बैकग्राउंड भी अच्छी तरह से दिख रहे हैं या फोकस में हैं. इस photo को अपर्चर f-22 पर शूट किया गया है. इस पिक्चर में डेप्थ ऑफ़ फील्ड वाइड है. और पिक्चर में लाइट थोड़ी कम है (इस अपर्चर पर लाइट बहुत कम हो जाती है, इसे हमने शटर स्पीड और आइएसओ की मदद से कण्ट्रोल किया है)

इन दोनों pictures के जरिये हमने देखा कि अपर्चर का हमारी pictures पर कितना इफ़ेक्ट पड़ता है. ये न सिर्फ डेप्थ ऑफ़ फील्ड को कण्ट्रोल करता है बल्कि कैमरा के सेंसर तक आने वाली लाइट को भी कण्ट्रोल करता है. हालांकि लाइट यानि एक्सपोजर को एक्सपोजर ट्रायंगल के दो दुसरे एलिमेंट भी कण्ट्रोल करते हैं. तो ऐसी कंडीशन में हम शटर स्पीड, अपर्चर और आइएसओ की मदद से हमारी photos को सही एक्सपोज़र दे सकते हैं.