Wednesday, 2 January 2019

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO

Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO

पिछले दो आर्टिकल्स में हमने जाना कि एक्सपोज़र ट्रायंगल के  तीन जरुरी पिलर्स में से दो, अपर्चर और शटर स्पीड के बारे में. हमारे तीसरे Hindi Basic Photography Tutorials For Beginners: ISO आर्टिकल की मदद से हम जानेंगे कि ISO क्या होता है? क्या काम करता है? और इसका हमारी photos पे क्या इफ़ेक्ट पड़ता है.

ISO

ISO का इतिहास केवल मॉडर्न cameras तक ही सीमित नहीं है. अगर आप film कैमरा से परिचित हैं तो आपने इन कैमरा की film पर एक ख़ास नंबर देखा होगा जैसे कि नीचे दिए गए photo में एक नंबर है 400. इसका मतलब यह है कि यह नंबर इस film की लाइट के लिए sensitivity(संवेदनशीलता) है.
ISO का मतलब है लाइट के प्रति सेंसिटिविटी या संवेदनशीलता . Film cameras के टाइम में ISO आपकी film रोल पर तय रहता था और आपको इसी के अनुसार अपना एक्सपोज़र तय करना होता था. लेकिन आज   यह कैमरा के इमेज सेंसर में होता है जिसे आप आसानी से अपनी ज़रूरत के हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं. और इसी वजह से photography ज्यादा आसान और सुविधाजनक हो गयी है. ISO  को नंबर्स में लिखा जाता है जैसे..
  • 100 (लो ISO)
  • 200
  • 400
  • 800
  • 1600
  • 3200
  • 6400 (हाई ISO)

ISO करता क्या है?

100 ISO को बेस ISO कहा जाता है क्योंकि इस नंबर पर कैमरा सेंसर की लाइट के प्रति संवेदनशीलता काफी कम होती है. हालांकि आजकल के कुछ कैमरा में बेस या सबसे कम ISO 50 तक भी होता है. अब जैसे ही आप ISO को बेस level से बढ़ाते हैं या दुगना करते हैं  तो कैमरा की लाइट के प्रति संवेदनशीलता दो गुनी बढ़ जाती है जिससे आपकी इमेज दोगुनी ज्यादा ब्राइट हो जाती है. इसका मतलब है की अगर आप ISO 400 पर शूट करते हैं तो आपकी इमेज ISO 200 वाली इमेज से दोगुनी ज्यादा ब्राइट होगी.
हाई ISO 6400 या उससे ऊपर के नंबर्स तक माना जा सकता है  बहुत ज्यादा लो लाइट कंडीशन में हमको सही एक्सपोज़र लेने के लिए हमें कैमरा के ISO को बढ़ाना होता है जिससे ज्यादा लाइट कैमरा को मिल सके.

ISO का इमेज में प्रभाव

ISO की मदद से हम बहुत अँधेरे या कम लाइट वाली कंडीशन में भी सही एक्सपोज़र ले सकते हैं लेकिन जैसे-जैसे हम ISO 100 से ऊपर जाते हैं वैसे-वैसे हमारी इमेज की क्वालिटी घटने लगती है. और उनमें नॉइज़ या ग्रेन आने लगते हैं. जितना ज्यादा ISO आप बढ़ाते हैं उतना ज्यादा नॉइज़ हमारी इमेज में visible होने लगता है. जो देखने में बिलकुल अच्छा नहीं लगता. हालांकि तेजी से प्रगति कर रही टेक्नोलॉजी की वजह से कुछ कैमरा हाई ISO में भी अच्छी इमेज दे रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं ये इमेज क्वालिटी को प्रभावित जरुर करता है.

सही ISO क्या है?

ISO 100 पर आपका कैमरा सबसे ज्यादा अच्छी क्वालिटी की photo देता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हमें ISO 100 से आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. सही ISO आपके सब्जेक्ट की लाइट कंडीशन पर निर्भर करता है. अगर आप सूरज की तेज रौशनी जैसी कंडीशन में काम कर रहे हैं तो ISO 100 आपके लिए बिलकुल सही है. लेकिन अगर आप किसी कमरे के अन्दर या रात के समय शूट कर रहे हैं तो आपको ज़रूरत के हिसाब से ISO बढ़ाना चाहिए जिससे आपको सही एक्सपोज़र मिल सके और आपकी इमेज डार्क या अंडर एक्सपोज्ड न आयें.
इसके साथ ही अगर आप तेज मूवमेंट वाले सब्जेक्ट की photo लेते हैं तो आपको एक तेज शटर स्पीड की ज़रूरत होती है. जिसकी वजह से कैमरा सेंसर तक लाइट कम पहुँचती है इस कंडीशन में भी हमें ISO बढ़ाना पड़ता है. अगर आप एक नए फोटोग्राफर हैं तो ISO बढ़ने से बिलकुल न डरें और ज़रूरत के हिसाब से ISO निर्धारित करते रहें.
अगर आप किसी स्थिर सब्जेक्ट का photo ले रहे हैं तो आप यह काम शटर स्पीड कम कर सकते हैं. क्योंकि स्थिर सब्जेक्ट में मोशन ब्लर नहीं आएगा और आपको सही एक्सपोज़र मिल जायेगा. हालांकि स्लो शटर स्पीड का use करते हुए एक tripod का इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

ISO कैसे सेट करें

अगर आपका कैमरा ऑटो मोड पर है तो सब्जेक्ट की लाइट कंडीशन के हिसाब से कैमरा खुद से अपर्चर, शटर स्पीड और ISO तय कर लेता है लेकिन अगर आप इसे खुद तय करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कैमरा को ऑटो मोड से हटा कर मैन्युअल मोड, अपर्चर प्रायोरिटी मोड या शटर प्रायोरिटी मोड का चुनाव करना होगा.
अगर आपके कैमरा में ISO के लिए बटन होता है आप इस बटन को दबाकर और कमांड डायल को घुमाकर ISO सेट कर सकते हैं. अगर आपके कैमरा में यह बटन नहीं है तो आप मेन्यु के अन्दर जाकर इसे सेट कर सकते हैं.
कुछ cameras में ISO के लिए एक विशेष डेडिकेटेड व्हील या डायल होता है, अगर आप ऐसे किसी कैमरा का use कर रहे हैं तो आप इस व्हील को घुमाकर ISO सेट कर सकते हैं.

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