Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes
एक अच्छा फोटोग्राफर बनने और अच्छी तस्वीरें लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी जरूरत है अपने कैमरा का अच्छा नॉलेज होना और कैमरा पर अच्छा कंट्रोल होना। आप चाहे एक बिगिनर हों या प्रॉफेशनल फोटोग्राफर, बिना अपने कैमरा को जाने-समझे अच्छी तस्वीरें लेना बहुत मुश्किल है। Hindi Basic Photography Tutorials| Digital Camera Modes के माध्यम से हम आपको आपके कैमरे में मौजूद मोड्स के बारे में बताएंगे, जिनको समझ कर आप निश्चित रूप से बेहतर फोटोग्राफी कर पाएंगे।
कैमरा के आविष्कार के कुछ वर्षों बाद तक शूटिंग मोड्स जैसा कुछ कैमरे में नहीं हुआ करता था बल्कि सब कुछ मैनुअल हुआ करता था। फोटोग्राफर मैनुअली अपर्चर, शटर-स्पीड सेट करते थे और लाइट के अनुसार फ़िल्म चुनते थे। सही एक्सपोज़र और लाइट की मात्रा मापने के लिए फोटोग्राफर्स लाइट मीटरिंग डिवाइस का इस्तेमाल करते थे। इन लाइट मीटरिंग डिवाइस के जरिये ही लाइट की मात्रा और अनुपात पता लग पाता था।
SLR कैमरे के आविष्कार के बाद इन लाइट मीटरिंग डिवाइसेस की जरूरत खत्म हो गयी क्योंकि SLR कैमरा खुद लेंस से सेंसर में पहुंचने वाली लाइट को खुद मापता था। आधुनिक आटोमेटिक कैमरे में ऑटोमैटिक या ऑटो मोड आने से यह काम काफी सुविधाजनक हो गया, क्योंकि कैमरा दृश्य के हिसाब से लाइट को नियंत्रित करने लगा जिससे कि एक सही एक्सपोज़र वाली तस्वीर मिल सके।
आज के सभी डिजिटल कैमरा में अलग-अलग दृश्यों के हिसाब से अलग-अलग कैमरा मोड्स होते हैं। जबकि पॉइंट एंड शूट कैमरा ज्यादातर आटोमेटिक मोड्स में ही काम करते हैं।
कैमरा मोड्स

आजकल के ज्यादातर कैमरा में ऑटोमेटिक मोड के अलावा चार तरह के कैमरा मोड्स होते हैं। आप चाहे Nikon, Canon या Sony या किसी भी कंपनी का कैमरा यूज़ करते हों। सभी में यह मोड्स उपलब्ध होते हैं।
- Program (P) प्रोग्राम मोड
- Shutter Priority (Tv)or (S) शटर प्रायोरिटी मोड
- Aperture Priority (Av) or अपर्चर प्रायोरिटी मोड
- Manual (M) मैनुअल मोड
प्रोग्राम मोड
प्रोग्राम मोड में कैमरा लेंस से आने वाली लाइट के हिसाब से अपर्चर और शटर स्पीड अपने आप यानि ऑटोमैटिकली निर्धारित करता है। इस मोड में कैमरा एक पॉइंट एंड शूट कैमरे की तरह काम करता है। अगर आप जल्दी से किसी दृश्य को कैमरा में कैद करना चाहते हैं तो ये मोड आपके लिए सही रहेगा। जब आप इस मोड में कैमरा सेट करते हैं तो कैमरा लाइट के हिसाब से अपर्चर और शटर स्पीड में तालमेल बिठाकर आपको एक सही एक्सपोज़र उपलब्ध कराता है। इस मोड का प्रयोग करते हुए आप कम लाइट वाली जगह पर फोकस करेंगे तो कैमरा अपने आप छोटे अपर्चर नंबर यानी f stop पर अपर्चर को सेट करता है और शटर स्पीड काम कर देता है। यानि आपको ज्यादा रोशनी उपलब्ध कराता है। वहीं अगर आप ज्यादा रोहणी वाली जगह पर फोकस करेंगे तो यह बड़े अपर्चर नंबर और ज्यादा तेज शटर स्पीड की ओर जाता है। इस प्रकार यह यह औटोमैटिकली सही एक्सपोज़र खुद तय लेता है।
यह मोड काम तो औटोमैटिकली करता है लेकिन इस मोड की खासियत है कि अगर आप कैमरा द्वारा सेट किये गए एक्सपोज़र से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप कंट्रोल डायल को घुमा कर अपने दृश्य के मुताबिक अपर्चर और एक्सपोज़र तय कर सकते हैं।
शटर प्रायोरिटी मोड
इस मोड में आपको शटर स्पीड तय करनी होती है और अपर्चर कैमरा खुद सेट कर लेता है। इस मोड का इस्तेमाल अक्सर मोशन यानि गति को फ्रीज करने या जानबूझकर धीमा मोशन दिखाने के लिए किया जाता है। आप शटर स्पीड तय करते हैं और दृश्य में पड़ रही रोशनी के हिसाब से कैमरा अपर्चर को छोटा या बड़ा कर लेता है।
क्योंकि इस मोड में कैमरा अपने आप अपर्चर तय करता है इसलिए आप सब्जेक्ट की डेप्थ ऑफ फील्ड कंट्रोल नहीं कर सकते। लेकिन अगर आप एक बिगिनर हैं और आपको मोशन कर रही किसी वस्तु का फोटो लेना है तो आप इस मोड का उपयोग कर सकते हैं।
अपर्चर प्रायोरिटी मोड
इस मोड में आप अपर्चर तय करते हैं और सही एक्सपोज़र के लिए कैमरा शटर स्पीड अपने आप तय कर लेता है। इस मोड में आप सब्जेक्ट को अच्छे से आइसोलेट कर सकते हैं और डेप्थ ऑफ फील्ड भी तय कर सकते हैं। अगर आपके सब्जेक्ट में रोशनी ज्यादा है तो कैमरा फ़ाज़त शटर स्पीड तय कर लेता है और अगर रोशनी कम है तो यह शटर स्पीड काम कर लेता है। बहुत से प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स भी इस मोड का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि इस मोड़ में आप सही एक्सपोज़र और डेप्थ ऑफ फील्ड पर कंट्रोल कर सकते हैं।
मैनुअल मोड
अपने नाम के मुताबिक मैनुअल मोड आपको पूरी आजादी देता है कि आप अपने अनुसार एक्सपोज़र ट्रायंगल के तीनों पिलर्स को तय कर सकते हैं। आप अपने अनुसार अपर्चर, शटर स्पीड और आईएसओ तय कर सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि मैनुअल मोड में फोटोग्राफी कठिन है। लेकिन जब आप एक्सपोज़र ट्रायंगल को समझ कर इस मोड का प्रयोग करते हैं। यानि अपर्चर, शटर स्पीड और आईएसओ का सही उपयोग करते हैं तो यह आपको आपके अनुसार एक्सपोज़र देता है। यह मोड आपको नाईट फोटोग्राफी में ज्यादा लंबे एक्सपोज़र तय करने की सुविधा भी देता है। पैनोरमा और ऑफ कैमरा फ़्लैश यूज़ करने की स्थिति में आपके लिए यह मोड सुविधाजनक और सबसे अच्छा है।
कैमरा मोड कैसे सेट करें ?
अपनी पसंद का मोड सेलेक्ट करने के लिए आपके कैमरे के ऊपर मोड डायल है। इसे घुमाकर आप अपनी पसंद का मोड सेलेक्ट कर सकते हैं। Nikon कैमरे में ये मोड्स P , S, A और M के रूप में होते हैं जबकि Canon कैमरे में ये क्रमशः P, Tv, Av और M के रूप में होते हैं।
कैमरा मोड और आईएसओ
इन सभी कैमरा मोड्स में कैमरा खुद आईएसओ तय नहीं करता है, आप इन सभी मोड्स में यह काम खुद कर सकते हैं. लेकिन अगर आपने अपने कैमरा में ऑटो आईएसओ ऑन किया है तो यह काम भी कैमरा खुद कर लेता है.
अन्य कैमरा मोड्स
इन मोड्स के अलावा भी कुछ entry level और इंटरमीडिएट cameras में कुछ अतिरिक्त मोड होते हैं. जैसे लैंडस्केप मोड, पोर्ट्रेट मोड, चाइल्ड मोड तथा अन्य भी क्रिएटिव मोड्स भी होते हैं जिनका इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं. ये मोड्स पूरी तरह से आटोमेटिक होते हैं. professional cameras में यह मोड्स आमतौर पर नहीं होते हैं.
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